Friday 24 September 2010

आजाद देश के वासी

बच्चो आओ तुम्हे सुनाऊँ
इस देश की एक कहानी
आजादी को पाने को
दीं लोगों ने कितनी क़ुरबानी
भारत है आजाद हमारा
और तुम इस देश के वासी
गाँधी, सुभाष और लोग भी
थे आजादी के अभिलाषी
उनके संग न जाने कितने
लोगों ने भी त्याग किया था
अंग्रेजों के चंगुल से फिर
अपने देश को छुड़ा लिया था
थे गुलाम सब लोग यहाँ
और पराधीन था देश
जंजीरों से जकड़ा हर कोई
फरक हुआ परिवेश
हर किसी की जुबान पर
था स्वतंत्रता का नारा
तब भारत माता के लालों ने
अंग्रेजों को ललकारा
अब तुम सब बच्चे मिलकर
करना अच्छे-अच्छे काम
अच्छी बातों को ही अपनाना
करना देश का ऊँचा नाम
अनहित की न कभी सोचना
ना करना दुखी किसी को
है भविष्य तुम्ही से इसका
ना अब देना इसे किसी को.

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