Friday 24 September 2010

टर्की और बैल

आओ सबसे पहले आप सबको इस चिड़िया के बारे में बता दूँ. टर्की एक बड़ी और मोटी चिड़िया होती है जो जमीन पर ही चलती है और उड़ नहीं पाती. यह चिडिया इंग्लैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में पायी जाती है. और 25 दिसम्बर को क्रिसमस के दिन वहाँ के लोग इसे पकाकर भी खाते हैं, ऐसा वहाँ के लोगों में रिवाज है. हमारे यहाँ भारत में होली - दीवाली पर हम लोग तरह-तरह के पकवानों के साथ पूरी कचौरी भी बनाते हैं वैसे ही वह लोग खाने में तरह-तरह की चीजें बनाते हैं पर उस दिन ख़ास तौर से खाने में टर्की की प्रमुखता रखी जाती है.

अब आप कहानी भी सुनिये:

एक बार एक टर्की टहलते हुये कहीं जा रही थी और जाते-जाते रास्ते में एक बैल को देखकर रुक गयी और उससे बातचीत करने लगी. और फिर बातों-बातों में एक पेड़ को देखकर बोली, '' मेरा मन बहुत करता है कि मैं इस पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर जाकर बैठूँ, लेकिन मुझमें इतनी ताकत नहीं है कि मैं उड़ सकूँ.'' इसपर बैल बोला, '' मेरा कहना मानो तो तुम अगर मेरा चारा खाओ तो तुममें ताकत आ जायेगी, क्यों कि इसमें बहुत पौष्टिक तत्व हैं.'' टर्की ने कुछ सोचा और फिर कुछ चारा खाया और उसे कुछ ताकत महसूस हुई तो फिर वह पेड़ की नीचे वाली टहनी पर जाकर बैठ गयी. अगले दिन उसने थोड़ा और चारा खाया तो और ताकत आई और वह पिछली वाली टहनी से भी ऊँची एक टहनी पर जाकर बैठ गयी. इस तरह रोज-रोज चारा खाकर उसमें इतनी ताकत आ गयी की पंद्रह दिन बाद वह पेड़ की एक सबसे ऊँची शाखा पर जा बैठी. और ठाठ से वहाँ बैठ कर गर्वित होते हुये इधर-उधर देखने लगी. इतने में एक शिकारी उधर से अपने हाथ में एक बन्दूक लिये हुये गुजरा और तुंरत ही उसने टर्की पर गोली चला दी. टर्की छटपटाकर नीचे आ गिरी और मर गयी.

इस कहानी का अभिप्राय यह है बच्चों की किसी के कहने पर किसी तरह कहीं पहुँच भी गये तो कितनी देर टिक पाओगे वहाँ पर. इस बात पर भी गौर करना चाहिये. टर्की ऊपर पहुँच तो गयी पेड़ पर लेकिन शिकारी के हाथों से न बच सकी, है ना ?

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