Thursday 23 September 2010

मेरा नाम टमाटर

मुझे टमाटर कहते हैं सब
खायें दिलवाले और कंजूस
अगर कचूमर निकले मेरा
तो बन जाता पीने को जूस

सब पसंद करते हैं मुझको
लाल-लाल सा रंग है मेरा
मुझको शर्म बहुत आती है
जब कोई छूता चेहरा मेरा

छुरी से कच्चा काट के खाओ
तो बन जाता है मेरा सलाद
चाट-मसाला छिड़क के देखो
आयेगा कितना मुझमें स्वाद

शक्कर डाल के मुझे पकाओ
तो बन जाता हूँ सुर्ख सा जैम
टोस्ट पे लगा के खाते हैं तब
हर दिन मुझको अंकल सैम

नीबू और नमक-मिर्च संग पीसो
तो बन जाती खट्टी चटनी मेरी
और पकाओ जब आलू के संग
तो बन जाता हूँ एक तरकारी

पतला-पतला काटो यदि मुझको
बटर-चीज़ संग भर ब्रेड के बीच
लंच-बॉक्स में रख स्कूल चलो
सैंडविच खाकर सब जाओ रीझ

जोर की भूख लगी अगर लगी हो
तो मैगी में मिला के मुझे उबालो
फिर थोड़ा सा डालो नमक-मसाला
प्लेट में परस के मुझको खा लो.

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