Friday 24 September 2010

अपना देश

आओ हम सब सोचें मिलकर
अपने जीवन के बारे में
जीवन में क्या बनना हमने
क्या देखा है अपने सपनों में

हम आजाद देश के वासी हैं
आजादी से ही रहेंगे हम
कभी घमंड न करना बच्चों
पर गर्व रहे जरूर हरदम

देश भक्ति और सदाचार के
गुण हम हर दिन ही गायें
हँसी ख़ुशी के बादल हम पर
खुशियाँ हर पल बरसायें

उन महान लोगों ने मिलकर
आजाद यह देश कराया था
आजादी के झंडे को सबने
मिलकर शीश झुकाया था

लड़ी लड़ाई देश की खातिर
और जंजीरों से मुक्त किया
रहे नहीं गुलाम किसी के
और अंग्रेजों को भगा दिया

अच्छे-अच्छे काम करो तो
देश की उन्नति जिससे हो
सुन्दर रखो भावना अपनी
तुम इस देश के हिस्से हो

ऊँच-नीच और भेद-भाव को
मन में ना तुम अपने रखना
कभी किसी को नहीं सताना
मिलजुल कर तुम सब रहना

मेहनत करके जीवन में तुम
कुछ अच्छा बनके दिखलाओ
दीपक जैसे टिमटिम करके
हर दिन प्रकाश को फैलाओ.

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