Monday 5 December 2011

मौसम सर्दीला है

मौसम कितना बदल गया
हर पत्ता दिखता पीला है
आँसू सी बूँदें गिरती रहतीं
सब लगता गीला-गीला है l

टहनी पर चिड़ियाँ बैठीं कांपें

जब सर्द हवा चल पड़ती है
लकड़ी-पत्तों का ढेर लगा
तब आग अलाव में जलती है l

जब कंपित होता अंग-अंग
पशु-पक्षी भी छुप जाते हैं
कुछ इधर-उधर भटक-भटक
आश्रय विहीन रह जाते हैं l

तब खाना संचित करने को
कुछ पक्षी भी नीड़ बनाते हैं

और ढूँढ-ढूँढ तिनके टहनी

सर्दी का समय बिताते हैं l

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