फागुन का महीना आया
मौसम ने फिर रंग बिखराया
रंगबिरंगे चेहरों ने मिल
गलियों में फिर शोर मचाया
होली का त्योहार है आया l
ढोल-मृदंग बज रहे जमकर
सब रंग फेंक रहे दूजे पर
कड़वाहट की जगह प्यार ने
सबको फिर से गले मिलाया
होली का त्योहार है आया l
हर घर में पकवान बने हैं
खाने को मेहमान ठने हैं
सबने एक साथ बैठकर
पकवानों को मिलकर खाया
होली का त्योहार है आया l
रंग भरे चेहरों को धोकर
ऊँच-नीच का भेद भूलकर
अपनेपन का एक अनोखा
यह दिन है परिवर्तन लाया
होली का त्योहार है आया l
रंग गुलाल की छींटों ने सारा
घर-आँगन का रूप निखारा
अलसाई सी फैली है धूप
शाखों पर यौवन मदमाया
होली का त्योहार है आया l
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